“I don’t ever want to feel sad…”
What a wishful thinking, I reckon.
It wasn’t too long ago that I realised not wanting to feel an emotion is never a ‘good’ option. As a bandaid option, yes, sounds great. However, will that feeling come back to haunt you sometime later in life, in a different setting, in a different way?
Probably yes.
How do you deal with a wind-whirl of feelings and emotions that come hitting you across your face, with an increasing pain in your stomach that doesn’t resemble butterflies anymore, and an aching, sharp, deafening sound that leaves you hearing your own heartbeat?
It sounds scary and overwhelming.
From these life classes, I take back one thing – ways to manage my emotions: Acceptance.
Acceptance comes in various forms – maybe in search of truth, maybe through the learnings of Buddha, or maybe through therapy.
My form is acceptance?
Therapy!
When discussing these unsettling emotions, I have a nerve to discuss something pleasant (my way to deal with discomfort, I guess?). Love, no? I mean, the two days of life classes were dedicated to this very emotion. Love in every form – be it familial, platonic or romantic. However, something I really enjoyed was knowing what this particular class has done crazy in love. There’s something mischievous, flirty and innocent in sharing what each of us has done to express the extent of love we feel.
Abrupt ending – thanks.
प्यार, आखिर ये प्यार होता क्या है ? प्यार की परिभाषा क्या है ? लव क्लास में अब हम लव के बारे में और क्या सीखेंगे ? ऐसे ही ना जाने कितने ही प्रश्न लव क्लास शुरू होने से पहले मेरे मन में थे | मैं प्रिय गुरु महोदया रितु चौपड़ा और महोदया भूमिका परमार जी का आभार प्रकट करना चाहती हूँ कि उन्होंने ऐसे अनगिनत प्रश्नों के उत्तर खोजने में अपना मार्गदर्शन प्रदान किया |मैं अपनी लव क्लास के सभी सदस्यों की भी शुक्रगुजार हूँ, जिनके अनुभवों से मैंने बहुत कुछ सीखा | इस लव क्लास के सफ़र में मैंने बहुत कुछ सीखा जैसे कि –
– प्यार स्वयं की और किसी अन्य की आध्यात्मिक वृद्धि है |
– अपने बच्चों की परवरिश में किन बातों का ध्यान रखना है |हम अपने बच्चों के मालिक नहीं है |ध्यान रखें “वह तुम्हारे माध्यम से आया, तुम्हारे लिए नहीं।”
– मैंने प्यार के विभिन्न चरणों के बारे में जाना जिनसे हम अपने जीवन में होकर गुजरते है । प्यार एक बहुत ही सुन्दर एहसास है, जिसे महसूस करने के लिए हम किसी पर निर्भर नहीं है ।
– खुद को माफ़ करना और दूसरो को माफ़ करना |
“ये लाइफ क्लास बहुत कुछ सिखाती है, कभी हँसती तो कभी रुलाती है ; पर ये हमें हर हाल में खुश रहना सिखाती है |”
मैं लव क्लास की सीख को अपने जीवन में अमल में लेन के लिए हमेशा प्रयासरत रहूँगी,क्योंकि ये एक सतत प्रक्रिया है |