Reflection of Happiness
‘हैपीनेस’ जैसा नाम वैसा परिणाम,
जी लो, जैसा है जीना, कर लो मन जो चाहे करना,
तुम्हारी ख़ुशी किसी के लिए मत छोड़ना,
क्योंकि लोगों ने तो कुछ भी है कहना |
बहुत सोच लिया दूसरों के लिए,
अब तो खुद के लिए सोचो ,
बहुत जी लिया दूसरों के लिए,अब तो अपने लिए जी लो
बहुत मिल लिया लोगों से , अब तो स्वयं से मिल लो
स्वयं को जाने बिना क्या दूसरों को जान पाओगे ?
और क्या कोई तुमको ख़ुशी दे पायेगा ?
ख़ुशी ढूंढ़ते फिरते हो ,
कभी यहाँ , कभी वहाँ,
कभी मोबाइल में और कभी महंगी गाड़ी में |
पर ये जो खुद बेजान हैं, हमें क्या ख़ुशी दे पाएंगी !!!!
श्वासों की प्रक्रिया ही हमें हमारी ख़ुशी से मेल करवाएगी,
लेकिन यह सब नहीं इतना आसान,
करना होगा खुद से वादा,
खुद के रोके से भी न रुकेंगे |
कुछ यो पीड़ा सहनी होगी ,
तभी तो ख़ुशी की हमारे जीवन में कोई कीमत होगी |