Robert Kiyosaki’s Rich Dad and Poor Dad (Short book club)
रॉबर्ट टी कियोसाकी के दो पिता हैं, जिनमें से एक अमीर है और एक गरीब है। एक उनके जन्मदाता है, जो कि गरीब थे। और दूसरे पिता उनके बेस्ट फ्रेंड के पिता थे। जिन्हें रॉबर्ट अपना पिता मानता था। एक पिता जो गरीब है, बहुत ही ज्यादा पढ़े-लिखे हैं और उनके दूसरे पिता जो अमीर है उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं की है। दोनों ने अपनी जिंदगी में बहुत कड़ी मेहनत की थी और दोनों ही अपने क्षेत्र में सक्सेस भी प्राप्त की थी। पैसों को लेकर उन दोनों की राय भी बिल्कुल अलग थी।
इसे हम कुछ पॉइंट्स के मदद से समझते हैं।
1. सोच-
रॉबर्ट कियोसकी के पहले पिता का मानना था कि वह कोई वस्तु खरीद नहीं सकते जब की दूसरे पिता इस बात से चिढ़ते थे। दूसरे पिता रॉबर्ट को हमेशा समझाते थे कि तुम किसी चीज को कैसे खरीद सकते हो इस बारे में सोचो।
पहले पिता की सोच नकारात्मक है। वहीं पर दूसरे पिता की सोच प्रश्नवाचक है। नकारात्मक सोच बात को वहीं पर खत्म कर देता है। जब की प्रश्नवाचक सोच हमें सोचने पर मजबूर कर देता है कि हम कैसे किसी वस्तु को हासिल कर सकते हैं।
जब कोई व्यक्ति अपने दिमाग में यह सोच लेता है कि वह किसी वस्तु को नहीं खरीद सकता तो उसका दिमाग भी काम करना बंद कर देता है। परंतु जब कोई व्यक्ति अपने दिमाग से प्रश्न करता है तो उसका दिमाग काम करना शुरू करता है। दिमाग प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ने लगता है।
इसका मतलब यह है कि दिमाग को नकारात्मक चीजों से दूर रखो और दिमाग को उसका काम करने दो इससे दिमाग Active रहेगा और धीरे-धीरे strong हो जाएगा।
2. जोखिम-
रॉबर्ट के पहले पिता का मानना था कि आपको जोखिम नहीं उठाना चाहिए। आप अच्छे से पढ़ाई करो अच्छे Marks लेकर आओ तथा safe और सिक्योर job करो। वहीं दूसरी तरफ रॉबर्ट के दूसरे पिता सिखाते थे कि जोखिम को कैसे Manage किया जा सकता। पढ़ाई करो और अपने पैसे को काम पर लगाओ।
3. संपत्ति और दायित्व में अंतर का पता होना-
हमें अपनी संपत्ति और अपने दायित्व का पूरा ज्ञान होना चाहिए। संपत्ति से धन में वृद्धि होती है। दायित्व से धन या पैसों में कमी आती है। यदि आप अमीर बनना चाहते हैं तो आप संपत्ति खरीदें (जमीन,बॉन्ड, शेयर इन्वेस्टमेंट) और यदि आप गरीब ही रहना चाहते हैं तो आप दायित्व (लोन पर लिया गया फर्नीचर,गाड़ी, लग्जरी प्रोडक्ट्स) खरीदें। अब आप दायित्व को देखकर Confuse मत होना आप फर्नीचर या गाड़ी खरीदते हैं तो उससे आपको किसी भी तरह का Income नहीं होगी।
4. सबसे पहले खुद को पेमेंट करना-
रॉबर्ट के दूसरे पिता रोबोट को यह बात समझाई की सबसे पहले आप अपनी कमाई का एक हिस्सा अपने लिए रखें और उन पैसों से अपने लिए ऐसी संपत्ति खरीदें जो आपको आय प्रदान करें।
5. गलतियों से सीख लेना-
रॉबर्ट के दोनों पिताने उन्हें यह बात सिखाई थी कि यदि आप एक बार गलती करते हैं तो उस गलती की पुनरावृति दोबारा नहीं करें बल्कि उससे सीख ले और अपनी life में आगे बढ़े।
6. पैसे के लिए काम –
रॉबर्ट के अमीर पिता का मानना था की हमें पैसों के लिए काम नहीं करना चाहिए। मतलब पैसो के पीछे नहीं भागना चाहिए बल्कि पैसों को हमारे लिए काम करवाना चाहिए। वहीं पर रॉबर्ट की दूसरी पिता रॉबर्ट को पैसे कमाने के लिए दबाव डालते थे।
7. मौके की पहचान करना-
सभी को सही मौके की पहचान करना आना चाहिए यदि आप सही मौके को नहीं पहचान पा रहे हैं तो आप कभी भी अमीर नहीं बन सकते हैं।
उदाहरण: एक आदमी एक सड़क से गुजर रहा था वहाँ पर कुछ घर के सामने बोर्ड लगा हुआ था जिस पर लिखा था “House for sale”. उस समय मंदी का दौर चल रहा था। पर वह आदमी बिना घबराए हुए इस मौके को अपने हाथ से नहीं जाने देता है, और एक अच्छा खासा घर बहुत ही कम कीमत में खरीद लेता है। कुछ दिनों के बाद मंदी का दौर खत्म हुआ अब उस घर को दुगनी कीमत पर बेचता है।
8. पैसे को सहेजने की समझ का होना –
वैसे तो सभी लोग पैसे को सहेज कर रखते हैं पर यहाँ पर सहेजने का अर्थ अपने अलमारी या गुल्लक में अपने पैसों को रखने से नहीं है। यहाँ पर सहेजने का अर्थ है अपने पैसे को ऐसी जगह invest करना जिससे कि आय होती रहे, साथ ही साथ यह भी ध्यान रखना कि पैसे को ऐसी जगह खर्च ना किया जाए जिससे किसी भी तरह का income ना हो।
इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितना पैसा कमा रहे हैं बल्कि इस बात से फर्क पड़ता है कि आप उन पैसों को कहा और कैसे खर्च करते हैं।