आईना जब भी उठाया करो, पहले देखो फिर दिखाया करो

प्रतिबिंबित और संतुलन जीवन के बहुत  महत्वपूर्ण पहलू है। यह मंत्र अगर साध्य हो गया तो फिर क्या कहना ! बढ़ती हुई ज़िंदगी में बहुत कम पल होते है जहाँ हम रूकते है, सोचते है और फिर किए हुए कार्य पर प्रतिबिंब करते है। यह अवसर हमें मिला इस लाइफ क्लास में।

Implicit bias  में अन्य लोगों के दृष्टिकोण और विश्वास (सकारात्मक या नकारात्मक) शामिल होते हैं जो हमारी  जागरूकता और नियंत्रण से बाहर होते हैं, जो  जाने अंजाने हमारे व्यवहार को प्रभावित करते हैं। रुके, सोचे और आगे बढ़ें का मंत्र अपनाकर हमने अपने आपको देखना सीखा।

मैं तहेदिल से महोदया श्रद्धा और महोदय अमन जी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने इस सफर में हमारा साथ दिया।

 

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