Unveiling Unseen Places (Day 7 & 8)
Unveiling Unseen Places.
यात्राओं के अनुभव के सातवें दिन हम सोनगढ़ किले पर चढ़ाई करने निकल पड़े थे। अफ़सोस तो नहीं पर कुछ दुःख हुआ क्योंकि चाहकर भी अपने पैरों की तकलीफ के चलते मैं चढ़ाई नहीं कर सकी।अतः किले के नीचले भाग में कुछ दोस्तों के साथ बातचीत करने और पक्षियों तथा प्रकृति के नजारों का आनंद लिया। दोपहर के भोजन और बस की यात्रा का अनुभव हमेशा की तरह ही सुखद रहा।
आठवें दिन हम पड़ोसी क्षेत्र ‘रांदेर’ घूमने निकले। कभी कभी दूर की यात्राओं के चक्कर में हम आस पास की जगहों को छोड़ देते हैं। ऐसा ही लगा इस यात्रा के बाद, सूरत में जिमखाना है- पता ही नहीं था मुझे। पुरानी इमारतें, मस्जिद और मंदिरों को देखना, हिन्दू- मुस्लिम का सहयोग के साथ एक साथ रहना थोड़ा-सा आश्चर्यजनक था। पहली बार खाऊसा का स्वाद भी लिया।
कुल मिलाकर देखी और अनदेखी जगहों की यात्रा, नए दोस्तों का साथ- उनकी मस्ती, सबकुछ सुखद रहा।
During the life class of unseen unwilling place I was fortunate enough to explore different places which are contacted to different cultures and believes .
From exploring Udvada Parsi temples to exploring mosque and dehrasar at rander every experience thought me to value our heritage and culture.
Dharmesh Patel