‘Rich Dad, Poor Dad’ – Reflection

किताब में बहुत कुछ दोहराया गया है या कुछ बातें इतनी तकनिकी हैं कि पढ़कर समझना मुश्किल है। फिर भी अब तक जितनी किताबें पढ़ीं, उनमे से सबसे अधिक सीखने, समझने और अपनाने लायक मिला।
Chapter 9 & 10

लेखक के अनुसार इंसान को सपने देखने जरुरी हैं, उसे अपने लिए अपनी जिंदगी से क्या चाहिए और क्या नहीं ये समझ लेना चाहिए। उसके सपने और इच्छाएँ उसे कुछ करने के लिए प्रेरित करेंगी।

आज के ज़माने में आगे बढ़ने या अमीर बनने के लिए नई कुशलताओं की जरुरत है, हमें हर दिन कुछ न कुछ सीखना होगा। सीखने के लिए अपना समय निवेश करें और उसे अपने जीवन में अपनायें।

लेखक ने अनुशासित होने पर भी जोर दिया है, यहाँ self -management skills पर बात की गयी है। अपना समय और पैसा सही जगह लगाएँ, सोच समझकर फैसला लें।

बाजार को समझें और सही समय देख कर ही निवेश करें। सबसे पहले खुद को भुगतान करें, यानि अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अपने लिए सम्पति बनाने में लगाएँ जो आपके निवेश को दिन प्रतिदिन बढ़ाने का काम करेगा। अपने सलाहकारों को भी अच्छा भुगतान करें।

लेखक का यह भी मानना है कि हम जो दूसरों को देते हैं वही घूमकर हमारे पास लौट आता है। तो सीखने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप लोगों को सिखाएँ।

ये किताब पढ़ते हुए मैंने महसूस किया कि हमारे समाज में खासकर महिलाएँ न तो निवेश करती हैं और न ही उस पर आपस में चर्चा ही करती हैं , वैसे भी धन संभालने की जिम्मेदारी हमेशा से पुरुष वर्ग की रही है। मैंने समझा कि मैंने अबतक क्या गलतियां की हैं और फैसला लिया है कि अब से मैं अपने धन को संभालने के लिए खुद जिम्मेदार रहूंगी और किसी पर निर्भर नहीं रहूँगी।
मैं इस किताब के साथ ही अपने साथी पाठकों की भी आभारी हूँ कि जीवन की इतनी बड़ी सीख में वो मेरे साथ थे। मैं अपने बच्चों को भी धन निवेश जल्दी और स्वयं करने की शिक्षा दूँगी।

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